पाकिस्तान में 8 फरवरी को हुए आम चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से ही देश की राजनीति उबाल में है। किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलने की वजह से नई सरकार के गठन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सत्ता पाने के लिए सभी दल गठबंधन की रणनीति बना रहे हैं, लेकिन इन कोशिशों में प्रधानमंत्री पद को लेकर तनातनी भी पैदा हो गई है।
चुनाव परिणाम का गणित:
- इमरान खान समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों ने 101 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरे हैं, लेकिन उनके पास भी बहुमत बनाने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं हैं।
- पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) (PML-N) को 73 सीटें मिली हैं, जबकि बिलावल भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) को 54 सीटें प्राप्त हुई हैं।
- गौरतलब है कि पाकिस्तान की संसद के निचले सदन, नेशनल असेंबली में कुल 272 सीटें हैं, लेकिन वर्तमान में चुनाव से भरी जाने वाली सीटों की संख्या 266 है। संघीय सरकार बनाने के लिए किसी भी गठबंधन को कम से कम 133 सीटों का समर्थन चाहिए।
गठबंधन की उलझन:
- PML-N और PPP मिलकर सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दोनों दलों के बीच प्रधानमंत्री पद को लेकर खींचतान है। नवाज शरीफ या उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं, वहीं आसिफ अली जरदारी अपने बेटे बिलावल भुट्टो को इस पद पर देखना चाहते हैं।
- इमरान खान समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों को गठबंधन में शामिल करने को लेकर भी चर्चा है, लेकिन यह कदम दोनों पार्टियों के लिए राजनीतिक रूप से जोखिम भरा हो सकता है।
चुनाव धांधली के आरोप:
- इमरान खान और उनकी पार्टी लगातार चुनाव में धांधली का आरोप लगा रही है। चुनाव आयोग के फैसलों को भी चुनौती दी जा रही है।
- अमेरिकी सांसदों ने भी चुनाव में धांधली की आशंका जताई है और बाइडेन प्रशासन से नतीजों को मान्यता न देने की मांग की है।
अनिश्चित भविष्य:
- पाकिस्तान में अगली सरकार के गठन को लेकर अभी तक कोई ठोस हल नहीं निकला है। गठबंधन वार्ता आगे बढ़ रही है, लेकिन प्रधानमंत्री पद को लेकर सहमति बनी नहीं है।
- चुनाव धांधली के आरोपों ने भी स्थिति को और जटिल बना दिया है।
- आने वाले दिनों में पाकिस्तान की राजनीति में और उथल-पथल होने की संभावना है।