न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और अन्य मांगों को लेकर किसान संगठनों के ‘दिल्ली कूच’ आंदोलन के दूसरे दिन भी पंजाब-हरियाणा सीमा शंभू बैरियर पर किसानों और पुलिस के बीच भीषण संघर्ष हुआ। पुलिस ने आंसू गैस और रबड़ की गोलियों दागकर किसानों को आगे बढऩे से रोके रखा। शंभू बॉर्डर पर चली गोलियों का एक वीडियो शेयर करते हुए किसानों ने खट्टर सरकार पर असली गोलियां चलाने का आरोप लगाया। इसे देखते हुए किसानों ने गुरुवार को रेलगाडियां रोकने का भी ऐलान कर दिया है।
भारतीय किसान यूनियन उगराहां के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने रेलवे ट्रैक रोकने का ऐलान किया है। उगराहां ने कहा कि 15 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक रेलवे ट्रैक रोके जाएंगे। अगर किसानों पर अत्याचार बंद नहीं किए, तो कड़े विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई जाएगी। इसके साथ ही आंदोलन का समर्थन करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि गुरुवार को पंजाब के सभी टोल प्लाजा फ्री करवाए जाएंगे।
गुरुवार को दोपहार 12 से तीन बजे तक प्रदेश के सभी टोल प्लाजों पर किसान बैठेंगे। अगर सरकार अब भी न मानी, तो 18 फरवरी को दोबारा बैठक कर अगली रणनीति तैयार की जाएगी। उधर, खनौरी बॉर्डर पर किसानों और पैरामिलिट्री फोर्स के बीच झड़प हुई। इसके बाद किसानों ने जवानों के हेलमेट और डंडे छीन लिए। किसानों ने कहा किहम तो पानी पीने गए थे। फोर्सेस को लगा कि उन पर हमला करने आए हैं। 50-60 जवान डंडे लेकर हमारे पीछे भागे। बाद में किसानों की गिनती बढ़ गई और उन्हें घेर लिया गया।
इसके बाद जवानों से हेलमेट और डंडे छीन लिए गए। उधर, जींद में दातासिंह वाला बॉर्डर (पंजाब के लिए खनौरी बॉर्डर) पर बुधवार को फिर हालात बेकाबू हो गए हैं। पंजाब से आए किसानों ने सडक़ पर कीलों को उखाडऩा शुरू कर दिया, तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। किसानों ने आंसू गैस के गोलों पर पानी की बौछार करनी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने प्लास्टिक की गोलियां चलाईं। तीन किसानों ये गोलियां लगने से जख्मी हो गए। दो दिन से जारी टकराव में प्रदर्शनकारियों ने 100 से ज्यादा किसानों के घायल होने का दावा किया, जिनमें से उनके अनुसार तीन-चार को गंभीर चोटें आईं हैं। दूसरी तरफ पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के पथराव में 24 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।