मंडी शिवधाम प्रोजेक्ट पर 34 करोड़ खर्च करेगी एचपीटीडीसी, टूरिज्म के होटलों का होगा कायाकल्प : रघुबीर सिंह बाली

शिमला, 13 मार्च। हिमाचल प्रदेश में छोटी काशी कहलाने वाले मंडी में शिव धाम बनाने के पूर्व जयराम सरकार के ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ को सुक्खू सरकार आगे बढ़ाएगी। इस प्रोजेक्ट पर 34 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के अध्यक्ष रघुबीर सिंह बाली ने बुधवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा कि पिछली सरकार में इस प्रोजेक्ट के लिए 38 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे, जिसमें से 16 करोड़ ही खर्च हुआ है। जबकि 22 करोड़ बचा है। अब वर्तमान सरकार 11 करोड़ 62 लाख इसमें और जोड़ेगी। इस तरह मंडी शिवधाम सर्किट पर लगभग 34 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि एचपीटीडीसी जल्द शिवधाम के निर्माण कार्य के लिए टेंडर करेगी।
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय शुरू हुई शिव धाम परियोजना के निर्माण कार्य की जांच चल रही है। जल्द इसकी रिपोर्ट आएगी और नए सिरे से काम शुरू किया जाएगा।
बाली ने कहा कि पूर्व में जिस ठेकेदार ने शिवधाम का काम किया है, वो सही नहीं पाया गया है। इस वजह से काम बंद करना पड़ा है। उनका कहना है कि शिवधाम के निर्माण कार्य में ठेकेदार ने कोताही बरती है और  जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि शिवधाम में 12 ज्योतिर्लिंग बनने हैं। इनमें चार ज्योर्तिलिंग बन चुके हैं बाकि आठ ज्योतिर्लिंगों को बनाकर शिव धाम को विकसित करने के लिए उक्त धनराशि खर्च की जाएगी। इसके अलावा एडीबी के तहत भी शिवधाम प्रोजेक्ट के लिए सैंकड़ों करोड़ का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिवधाम को भव्य रूप दिया जाएगा और इसके बनने से मंडी में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
रघुवीर बाली ने कहा कि पर्यटन निगम अपने होटलों की मुरमत और विकास के लिए मेगा रिनोवेशन आरंभ कर इनका कायाकल्प करेगा। इसकी शुरुआत में शिमला में होटल पीटरहॉफ और होटल हॉलीडे होम को रेनोवेट करके आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जाएगा। इसके बाद प्रदेश के अन्य होटलों को भी रेनोवेट किया जाएगा।
बाली ने कहा कि  प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई होमस्टे पॉलिसी बनाई जाएगी, जिसमें प्रदेश के होमस्टे को सुरक्षित और बेहतर सुविधाओं से युक्त बनाने के लिए विशेष ध्यान रखा जाएगा ताकि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटकों को सुरक्षित पर्यटन की सुविधा मिले।

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