हिमाचल प्रदेश में टीबी उन्मूलन अभियान: पंचायतें और निक्षय मित्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे
मुख्य बिंदु:
- प्रदेश में 15 हजार टीबी मरीजों को गोद लेंगी पंचायतें।
- निक्षय मित्र मरीजों की देखभाल और पोषाहार उपलब्ध करवाएंगे।
- स्वास्थ्य विभाग दवाओं का इंतजाम करेगा।
- 2025 तक हिमाचल को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य।
- शिक्षण संस्थानों, नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्रों, आयुर्विज्ञान संस्थानों और उद्योगों में टीबी जांच अभियान चलाया जाएगा।
- 2015 के मुकाबले 80 फीसदी टीबी मरीजों को कम करने का लक्ष्य।
- सभी विभागों को टीबी उन्मूलन अभियान में सहयोग करने की अपील।
विश्लेषण:
यह अभियान हिमाचल प्रदेश से टीबी रोग को पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पंचायतों और निक्षय मित्रों की भूमिका इस अभियान की सफलता में महत्वपूर्ण होगी।
अतिरिक्त जानकारी:
- स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी ने पंचायतों से सहयोग का आह्वान किया है।
- सभी शिक्षण संस्थानों, नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्रों, आयुर्विज्ञान संस्थानों और उद्योगों में टीबी सहित एचआईवी कि विशेष अभियान चलाकर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
- 2015 के मुकाबले 80 फीसदी टीबी के मरीजों को कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
निष्कर्ष:
यह अभियान हिमाचल प्रदेश में टीबी रोग के नियंत्रण और उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सभी विभागों और लोगों को इस अभियान में सहयोग करना चाहिए।
अन्य महत्वपूर्ण बातें:
- टीबी रोग एक संक्रामक रोग है जो फेफड़ों को प्रभावित करता है।
- यह रोग खांसी, बुखार, थकान और वजन घटाने जैसे लक्षणों का कारण बनता है।
- टीबी रोग का इलाज संभव है और यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
- लोगों को टीबी रोग के बारे में जागरूक होना चाहिए और इसके लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
यह भी महत्वपूर्ण है:
- लोगों को स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।
- खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढकना चाहिए।
- दूसरों के साथ बर्तन और भोजन साझा नहीं करना चाहिए।
- नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए और स्वस्थ भोजन का सेवन करना चाहिए।
टीबी रोग को नियंत्रित और उन्मूलित करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।